लहरों जैसे बह जाना
✒️मुझको भी सिखला दो सरिता, लहरों जैसे बह जाना
बहते - बहते अनुरागरहित, रत्नाकर में रह जाना।
बड़े पराये लगते हैं
स्पर्श अँधेरी रातों में
घुटनयुक्त आभासित हो
लहराती सी बातों में
जब तरंग की बलखाती
शोभित, शील उमंगों को
क्रूर किनारे छूते हैं
कोमल, श्वेत तमंगों को
बंद करो अब और दिखावे, तटबंधों का ढह जाना
मुझको भी सिखला दो सरिता, लहरों जैसे बह जाना।
शून्यकाल में उच्छृंखल
शीशों को ऊँचे ताने
घनघोर गर्जना करते
अंबुधि के गाये गाने
मूक छंद को परिभाषित
अपनी छवि से कर देता
व्यथित हृदय है, अधरहीन
गीतों को स्वर जो देता
तारों के किसलय के खिलते, नवनीत रूप फहराना
मुझको भी सिखला दो चंदा, लहरों जैसे बह जाना
ऊषा - प्रांगण में खिलते
अरुणित सूरज का हँसना
लोपित होता बालकपन
उर में तरुणाई धँसना
चाँदी सी सुंदर काया
उत्तुंग शिखर पर सोना
चंदा की मृदुल मृदुलता
सूरज - अभिनंदित होना
निर्लिप्त जुगनुओं का निशि में, अन्वेषी हो कह जाना
मुझको भी सिखला दो सूरज, लहरों जैसे बह जाना
...“निश्छल”
आपकी उत्कृष्ट रचनाएँ अमूल्य साहित्यिक धरोहर है अमित जी।
ReplyDeleteसादर नमन मैम। हार्दिक आभार आपका🙏🏻🙏🏻🙏🏻।
Deleteअद्भूत! भाव का लहर बहा दिया है आपने। मन के गहराई को कहती एक बेहतरीन रचना। पूर्ण रूप से एक सार्थक रचना।
ReplyDeleteसर नमन। हार्दिक अभिनंदन।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 20 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसधन्यवाद नमन मैम🙏🏻🙏🏻🙏🏻।
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21.11,2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3526 में दिया जाएगा | आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
साभार नमन सर।🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Deleteउत्कृष्ट सृजन
ReplyDeleteसादर नमन मैम।
Deleteनमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरूवार 21 नवंबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
इस साधारण रचना को सम्मानित करने के लिए आपका आभारी हूँ सर। सादर नमन।
Deleteअद्भुत!! प्रिय अमित, यही दुआ है, इस उत्कृष्ट लेखनी को मा शारदे बूरी नज़र से बचाये। एक सरिता , चाँद या सूरज को इतना मार्मिक उद्बोधन कोई प्रबुद्ध कवि ही दे सकता है। मिश्री सी मधुर रचना के लिये बधाई और हार्दिक स्नेह 💐💐💐💐
ReplyDeleteहार्दिक आभार दीदी। सादर नमन।
Deleteवाह! बहुत सुंदर कविता। पढ़कर आनंद आ गया।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com
वाह!!खूबसूरत भावाभिव्यक्ति !
ReplyDeleteवाह आदरणीय सर बेहद खूबसूरत और मनमोहक पंक्तियाँ।
ReplyDeleteवास्तव में आपकी पंक्तियों निश्छलता है। नमन आपको और आपकी लेखनी को 🙏।
बेहद उम्दा....
ReplyDeleteआपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है|
https://hindikavitamanch.blogspot.com/2019/11/I-Love-You.html