कथन

श्रुतियों के अभिव्यंजन की अब, प्रथा नहीं है ऐ हमदम...।
...“निश्छल”

12 June 2018

हैप्पी व्यर्थ-डे

हैप्पी व्यर्थ-डे
✒️
व्यर्थ दिवस...,
व्यर्थ?...
हाँ, व्यर्थ ही कहूँगा।
भई जन्मदिवस, पुण्यतिथि, वार्षिकोत्सव तो महान विभूतियों को याद करने के लिए बनाया था हमने। उनके सद्गुणों, उनकी प्रतिष्ठा, त्याग और महानता को स्मरण करने हेतु यह सारे उपक्रम विकसित किये थे।
पर अब, ह्ह्ह्ह् ... व्यऽर्थ-डे..।
इसे व्यर्थ-डे नहीं कहूँ तो और क्या कहूँ?
वैसे, एक बात स्पष्ट करना चाहूँगा कि, मुझे आंग्ल भाषा से कोई परहेज नहीं है और न ही किसी और भाषा या सभ्यता से। यकीनन, भाषा और सभ्यता एक दूसरे से जुड़ी रहें, तभी तो नियमित गतिशीलता बनी रहेगी धरातल पर...?
लेकिन यह बताइए कि, अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना कहाँ की समझदारी है?
या यूँ कहें कि, अपनी व्यर्थ की ज़िंदगी से व्यर्थ के कार्यों द्वारा एक और व्यर्थ दिन को व्यर्थ करने के व्यर्थ उत्सव को मनाना, हमें सद्भावों और सुविचारों से कहीं ज्यादा उचित लगता है।
...“निश्छल”

11 comments:

  1. अरे जनाब,किसी का भी धरती पर जन्म लेना एक ऐतिहासिक घटना भले ही न हो पर ही आपके जन्मदिन पर आपके अपनों के साथ बंधी आशाओं और खुशियों को अनदेखा करना भी उचित नहीं।
    जन्म तो सांसारिक घटनाक्रम है यह आप पर निर्भर है कि आप किस प्रकार उस दिवस को अपने कर्मों की ज्योति से खास बनाते है ताकि लोग उसे बर्थ-डे माने,व्यर्थ-डे नहीं।

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    1. जी मैम, आपने बिल्कुल सच कहा है। खुशियाँ, और उन खुशियों को खुशी से मनाने में ही खुशहाली का रहस्य है। अपनों की खुशी को अनदेखा करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। "कर्म से ही खास बनाया जा सकता है कोई भी दिन", निस्संदेह, सत्य कथन।
      .
      मैम बात ऐसी है कि, आज मेरे जन्मदिन पर कुछ ऐसा ख़्याल आया था, जिसे कलम ने एक रूप दे दिया बस। आपकी कही बातें, वास्तविकता से ओतप्रोत और अक्षरशः सत्य हैं। सादर🙏🙏🙏

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    2. जी, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ मेरी ओर से स्वीकार करें...आपके सारे मनोरथ पूर्ण हो आप स्वस्थ्य रहें...अपनि लेखनी के आलोक से पाठकों के मन आलोकित करते रहे..🌷🌿🎂🎂

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    3. और मेरा नाम श्वेता है मैम नहीं।😊

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    4. 😂😂😂जी धन्यवाद

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  2. जनम दिन की ढेर सारी बधाई bro ....व्यर्थ दिन हम कह ही नहीं सकते ...ऐसे ही खास दिनों मैं आप जैसे खास भाई का जन्म होता है जहाँ खास शब्द गुंजित ही वो व्यर्थ हो ही नहीं सकता ....जन्म दिन ही नहीं हर दिवस खास होता है ...क्यों की जो समय उस दिवस में बीता वो पुनः लौट कर नहीं आता एक धरोहर की तरह यादों मैं निहित हो जाता है ....और भाई यादै .....अनमोल होती है ....कुल मिला कर जन्म दिन अनमोल ...यादगार हम उसे कर्मों से बनाते है ! जैसे ... आज का स्वर्णिम दिन ...श्वेता जी ने सही कहा ....
    लगता है आप कुछ खुरापाती जीव हो कुछ नया सोचने और करने में विश्वास रखते हो 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
    पुनः जनम दिन की हार्दिक बधाई अपनों का साथ और हाथ सदा आपके साथ रहे ....🎂🎂🍰

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    1. 😁😁😁😁😂😂😂😂जी धन्यवाद, स्नेह बनाये रखें🙏🙏🙏

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  3. प्रिय अमित -- सबसे पहले तो जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाये | ये दिन बार - बार आये | दूसरेइसे व्यर्थ दिवस कभी मत कहना | धरा पर सृजन का कोई भी पल व्यर्थ नही होता | माँ से पूछो उन्हें कितनी ख़ुशी हुई होगी उस दिन | और एक कवि का धरती पर आना बहुत ही अद्भुत घटना है | हां ये जरुर कह सकते हो कि इस आडम्बर युक्त केक और मोमबती वाले जन्म दिन से वो जन्मदिन बहुत ही कौतूहल और अपार हर्ष भरा होता था जब माँ देसी घी का सूजी का हलुवा बना खूब खिलाती और खूब बाँटती भी थी | सलामत रहो और खूब लिखो

    \ और हां बच्चे अपना जन्मदि मनवाए बिना नही मानेगे | उन्हें निराश मत करना - नहीं तो वो कहेंगे पापा कंजूस हैं |पुनः जन्मदिन शुभ हो | सस्नेह |

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  4. मन प्रफुल्लित हो गया इतनी सारी एक से बढ़कर एक टिप्पणियों को पढ़कर, और खुशी भी हुई कि रचना ठीकठाक बन पड़ी। यह मात्र चंद लम्हों के लिए एक विचार आया था ज़हन में बस।
    और हाँ, आडंबरों का दुनियादारी में वही महत्व है, जो कि मशीनरी में दो घूमते पुर्जों के बीच ग्रीज़ का। वाकई अगर स्नेहक न हो तो दुनियादारी के ये पहिये समय से पहले घिस जायेंगे। इसलिए आडंबरों की महत्ता को नकारना भी उचित नहीं है।
    .
    विनम्र निवेदन है कि रचना को नकारात्मक रूप में मत लें।
    😂😂😂 जी बच्चों का जन्मदिन मनाना तो हरेक माता-पिता का सौभाग्य होता है। कैसे नहीं मनाएँगे उनका जन्मदिन।
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    जन्मदिन मुबारकबाद के लिये बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया🙏🙏🙏

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  5. आप पर निर्भर आपका ये दिन ... मेरी और से आपको जन्म दिवस कि बधाइया
    आदरणीय अच्छा लिखा है

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